सोमवार, 24 अप्रैल 2023

दर्द न होने पर क्या हमें पित्त की थैली का ऑपरेशन करवाना चाहिए ? मेरे गॉलब्लेडर में आज तक दर्द नहीं हुआ है, क्या इसका ऑपरेशन जरुरी है ? Treatment of Silent or Asymptomatic Gallbladder Stones

दर्द न होने पर क्या हमें पित्त की थैली का ऑपरेशन करवाना चाहिए ?मेरे गॉलब्लेडर में आज तक दर्द नहीं हुआ है, क्या इसका ऑपरेशन जरुरी है ?


आज के समय में पित्त की पथरी - गॉलब्लेडर स्टोन एक आम समस्या बन गयी है।  घर घर में लोग इस बीमारी से प्रभावित हो रहे हैं। जितना हम इसके बारे में जानते और समझते हैं, ये उससे कहीं ज्यादा गंभीर समस्या है । 

हर घर में किसी न किसी का पथरी का ऑपरेशन हो चुका है। एक अनुमान के अनुसार आम जनता में लगभग १०-२० % वयस्क लोगों के गॉलब्लेडर में  यह  पथरी पायी जाती है । उम्र के हिसाब से देखें तो अस्सी वर्ष तक पहुँचते पहुँचते यह संख्या ६०% तक पहुँच जाती हैं। 

मेरे मरीज मुझसे सबसे ज्यादा एक सवाल पूछते हैं।  उनके ८, १०, ११, १२, या १४ mm की पथरी अल्ट्रासाउंड में आई हुई है लेकिन उनके कोई दर्द नहीं है। पथरी की वजह से कोई दिक्कत नहीं है। ऐसी हालत में क्या उन्हें गॉलब्लेडर का ऑपरेशन करवाना चाहिए ?

लगभग ७०-८५% पथरियों से शरीर में कोई दिक्कत नहीं होती है। वे चुपचाप गॉलब्लेडर में बनीं  रहती हैं। इसे मेडिकल भाषा में हम साइलेंट या एसिम्पटोमैटिक ( Silent or Asymptomatic Stones ) स्टोन्स कहते हैं। 

सामान्यतः कोई भी डॉक्टर रिपोर्ट देखते ही ऑपरेशन की सलाह देता है । वस्तुतः मेरे विचार से भी और मेडिकल साइंस के अनुसार भी यह सही नहीं है। हमको ऑपरेशन तुरंत क्यों कराना या नहीं कराना चाहिए, आज इसी विषय पर आपसे चर्चा करूँगा। आखिर तक बने रहिये, आपको एक महत्वपूर्ण ब्लड की जाँच के बारे में बताऊंगा जो कि पथरी बनने पर हमें अवश्य करानी चाहिए।  

गॉलब्लेडर स्टोन्स की समस्या में धीरे धीरे बढ़ोतरी हो रही है।  ये हमारे गलत जीवन यापन, अधिक वसा -चिकनाई युक्त खाना खाने, शारीरिक व्यायाम के अभाव तथा अधिक मानसिक तनाव के कारण निर्मित हो रहीं हैं। 
पथरी बनने पर क्या नहीं खाना चाहिए जानने के लिए मेरी ये वीडियो देखिये 





लगभग २५% साइलेंट स्टोन्स से पीड़ित मरीज अगले दस सालों में स्टोन के दर्द को अनुभव करेंगे। लेकिन इस संख्या के लिए क्या सभी १००% मरीजों का ऑपरेशन हमें  आज ही कर देना चाहिए ? क्या ऑपरेशन के भी अपने खतरे नहीं  होते हैं ?

जानिए मेडिकल साइंस के एक्सपर्ट इस बारे में क्या कहते हैं -


दर्द रहित पथरी के लिए सभी मरीजों का ऑपरेशन करना व्यर्थ है। ये एक अनावश्यक कदम  है तथा इस बारे में सभी को सोच समझ कर निर्णय लेना चाहिए। 

जीवन के जरुरी बदलाव 


इन मरीजों का ऑपरेशन न करके हमें इन मरीजों का अल्ट्रासाउंड द्वारा नियमित परीक्षण करते रहना चाहिए। मरीज को अपने जीवन यापन में जरुरी परिवर्तन करने चाहिए तथा खाने पीने में जरुरी बदलाव करने चाहिए। व्यक्ति को सक्रिय जीवन शैली जीनी चाहिए। हफ्ते में कम से कम १५० से २०० मिनट व्यायाम करना चाहिए। २५ से ३५ ग्राम रेशे युक्त डाइट खानी चाहिए। अपनी डाइट में मौसम के अनुसार सब्जियां, सलाद तथा फलों को शामिल करना चाहिए। अपनी डायबिटीज तथा थाइरोइड पर  कन्ट्रोल रखना चाहिए।  अपना वजन भी लिमिट में रखना जरुरी है। 

अगर हमारी पथरी ने अभी तक दर्द  नहीं किया है  तो भी कुछ ऐसी परिस्थितयां होती हैं जिनके होने पर डॉक्टर्स हमें ऑपरेशन की सलाह देतें हैं। आज मैं उन्हीं के बारे में आपसे बात करूँगा। 

साइलेंट स्टोन्स में ऑपरेशन करना कब जरुरी होता है ? 


ये कारण थोड़े  टेक्निकल होते  हैं, इनको समझने के लिए हम एक योग्य चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं। 

१ पथरी का आकार 

पथरी के आकार का महत्वपूर्ण स्थान है। यदि पथरियां बहुत छोटी छोटी हैं (५-६ mm तक) तो वो  डक्ट से  निकल कर बाहर आ सकती हैं। अग्नाशय में यदि फंस जाएं तो पैनक्रिएटाईटिस होने का खतरा है जो कि एक सीरियस बीमारी है, अतः ऑपरेशन जल्दी ही करा लेना चाहिए। 

यदि पथरी का आकार २० mm से ज्यादा है तो भी ऑपरेशन करा लेना चाहिए, अन्यथा कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है। 

यदि पित्त की थैली स्टोन्स से भरी हुई हो तब भी ऑपरेशन की जरुरत होती है। 

२ गॉलब्लेडर वॉल थिकनेस 

यदि अल्ट्रासाउंड कि रिपोर्ट में वॉल थिकनेस ज्यादा है तो भी ऑपरेशन की सलाह दी जाती है। ये  गॉलब्लेडर के इन्फेक्शन को दर्शाता है। 

३ ऐसा गॉलब्लेडर जिसमें संकुचन न होता हो 


हमारे खाना  खाने पर गॉलब्लेडर में संकुचन होता है जिससे पाचक जूस निकल कर खाने को पचाते हैं। अल्ट्रासाउंड में ज्यादातर डॉक्टर इसे नहीं देखते हैं। आप आग्रह कर इसे दिखवाएं, यदि संकुचन नहीं है तो ऑपरेशन की सलाह दी जाती है। 
इसे देखने के लिए खाली पेट तथा चिकनाई युक्त खाने के बाद पित्त की थैली के आकार को देखना चाहिए।  यदि खाने के बाद पित्त की थैली के आकार में कमी आ रही है तो पित्त की थैली में संकुचन हो रहा है। 

४ पॉर्सेलेन गॉलब्लेडर 


इस अवस्था में पित्त की थैली की दीवारों में कैल्शियम जमा हो जाता है। इसके लिए भी ऑपरेशन की जरुरत होती है। 

५ गॉलब्लेडर पोलिप 

पोलिप का आकार १ cm से ज्यादा हो तो गॉलब्लेडर निकलवाना सही रहता है। 

६ सिकल सेल एनीमिया 


इस अवस्था  में भी मैं ऑपरेशन की सलाह देता हूँ। 

७ निम्न अवस्थाओं में भी ऑपरेशन की सलाह दी जाती है। 

लिवर सिरोसिस 
पोर्टल हाइपरटेंशन 
छोटे बच्चों में 
ट्रांसप्लांट करवाने से पहले क्योंकि स्टेरॉयड सेप्टिक इन्फेक्शन से लड़ने की शरीर की ताकत को कम करते हैं। 
बरिएट्रिक सर्जरी से पहले 

८ यदि आप बहुत रिमोट हिस्से में रहते हैं या पानी के जहाज पर रहते हैं। 
९ यदि cbd में पथरी हो तो उसे निकलने के बाद ऑपरेशन की सलाह दी जाती है। 


१० यदि रीढ़ की हड्डी में चोट हो तो भी ऑपरेशन की सलाह दे जाती है। 
११ यदि डायबिटीज कंट्रोल नहीं रहती है तो भी ऑपरेशन करवा लेना चाहिए। 
१२ यदि गर्भधारण से पहले स्टोन्स पता चल जाएं तो ऑपरेशन की सलाह दी जाती है। 

यदि सर्जरी करानी ही पड़े तो गॉलब्लेडर के लिए मैं हमेशा दूरबीन वाले ऑपरेशन  की सलाह देता हूँ-  Laparoscopic Cholecystectomy 

जरुरी खून की जांच 


स्टोन्स होने पर हमें अपनी लिपिड प्रोफाइल की खून की जांच जरूर करवानी चाहिए।  यह एक छोटी सी जाँच है। यदि ये रिपोर्ट सही नहीं है तो इसे चिकित्सीय परामर्श तथा जीवन शैली में परिवर्तन करके सही अवशय करना चाहिए। 

डॉ पुनीत अग्रवाल MS 
लप्रोस्कोपिक तथा लेज़र सर्जन 
दूरबीन सर्जन 
 ५८ / २९९ बी -१ आदर्श नगर 
खेरिया क्रासिंग 
आगरा २८२००१ 

WhatsApp 9837144287 
(मैं भी व्हाट्सएप्प पर फीस लेकर सलाह दे सकता हूँ )















क्या पित्ताशय की पथरी निकाल देनी चाहिए

मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे अपने पित्ताशय की थैली निकालने की जरूरत है?

मुझे अपनी पित्ताशय की थैली कब निकालनी चाहिए?

क्या कम काम करने वाली पित्ताशय की थैली को हटाने की जरूरत है?

पित्त की पथरी का ऑपरेशन कब करवाना चाहिए?
कितने एमएम की पथरी निकल सकती है?
पित्त पथरी के किस आकार की सर्जरी की जरूरत है?

क्या 10 एमएम पित्त पथरी की सर्जरी की जरूरत है? 

पित्ताशय की पथरी का कौन सा आकार खतरनाक है?
आप पित्ताशय की थैली की सर्जरी में कब तक देरी कर सकते हैं?







बुधवार, 19 अप्रैल 2023

गर्भावस्था में पित्त की पथरी का दर्द उठने पर क्या करें ? दवाइयां या ऑपरेशन ? क्या गर्भावस्था चालू रख सकते हैं ? स्टोन्स के कारण क्या महिलाओं की गर्भ धारण करने की क्षमता पर कोई प्रभाव पड़ता है ?

 

गर्भावस्था में पित्त की पथरी का दर्द उठने पर क्या करें ?  दवाइयां या ऑपरेशन ? 

क्या गर्भावस्था चालू रख सकते हैं ? 

स्टोन्स के कारण क्या महिलाओं की गर्भ धारण करने की क्षमता पर कोई प्रभाव पड़ता है ?








पित्त की थैली में पथरी आजकल एक सामान्य बीमारी हो गयी है।  हर घर में कोई न कोई इससे पीड़ित जरूर मिल जाता है। सामान्यतः अधिक वजन की लगभग चालीस वर्ष की स्त्रियां जो गर्भ धारण करने योग्य हैं  उनमें यह बीमारी  ज्यादा पायी जाती हैं। 

गॉलब्लेडर की अधिकतर पथरियां कोलेस्ट्रॉल से निर्मित होती हैं। गलत जीवन यापन, अधिक चिकनाई युक्त खाना तथा नियमित कसरत ना करने से इनके बनने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। गर्भावस्था में तो गॉलब्लेडर स्टोन बनने की संभावनाएं और भी ज्यादा हो जाती हैं।   

आज में आपसे बात करूँगा कि गर्भावस्था में पथरी मालूम चलने  पर हमें क्या  करना चाहिए।

 पथरी या स्टोन्स गर्भ ठहरने से पहले भी महिला को हो सकते हैं। स्टोन्स के कारण महिलाओं की गर्भ धारण करने की क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। स्टोन्स के  इलाज पर भी इसका कोई अंतर नहीं पड़ता है की पथरी पहले से है या नयी बनी है। 

पथरी के लक्षण 

पथरी के कारण मरीज को बदहजमी, गैस बनना, पेट फूलना, पेट में दर्द होना, असहनीय दर्द, उल्टी, उबकाई आना, खट्टी डकार आना ,एसिडिटी होना तथा ज्यादा पसीना आना हो सकता है। 

अल्ट्रासाउंड द्वारा हम आसानी से इन स्टोन्स का पता चला सकते हैं। अल्ट्रासाउंड का बच्चे पर कोई असर नहीं पड़ता है। 

अगर हमें ये पता हो कि  महिला स्टोन्स से पीड़ित है तो गर्भ धारण करने से पहले उसका गॉलब्लेडर का ऑपरेशन करवा देना चाहिए। आजकल दूरबीन से गॉलब्लेडर का ऑपरेशन सहजता से संभव है। क्योंकि गर्भावस्था में कभी भी इसका दर्द उठ सकता है और उस समय इसके इलाज तथा ऑपरेशन में कहीं ज्यादा जोखिम होते हैं। ऑपरेशन तो हरहाल में होना ही है क्योंकि एक बार पथरी बनने पर ऑपरेशन ही इसका एकमात्र विकल्प है। इसलिए गर्भ धारण करने से पूर्व ही ऑपरेशन करवाना एक समझदारी भरा निर्णय है। 


लगभग 8 प्रतिशत महिलाओं में नवें महीने तक नयी पथरियां बन जाती हैं। लेकिन केवल 1 प्रतिशत महिलाओं में पथरी के कारण पेट दर्द या अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। 

नयी पथरी बनने के कुछ रिस्क फैक्टर्स होते हैं जिनके होने पर पथरी बनने के संभावनाएं ज्यादा होती हैं, जैसे - मोटापा, अधिक बच्चे होना, अधिक उम्र का होना, आनुवंशिक प्रवृतियां आदि। 

गर्भावस्था में महिला में हॉर्मोन्स बढ़ जाते हैं। गर्भावस्था में मुख्यता दो प्रकार के हॉर्मोन मिलते हैं- एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्टेरोन।

एस्ट्रोजन के कारण कोलेस्टेरोल का स्राव शरीर में अधिक होता है। इसके कारण पथरी बनने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। 

प्रोजेस्टेरोन लिवर में बाइल एसिड का स्राव कम कर देता है।   बाइल एसिड  कोलेस्ट्रॉल को घुलनशील बना कर शरीर से बाहर निकालता है। बाइल एसिड कम बनने से पित्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तथा नए स्टोन बन सकते हैं। प्रोजेस्टेरोन गॉलब्लेडर का संकुचन भी सुस्त कर देता है। इस कारण इसके अंदर एकत्रित पित्त भरे भरे गाढ़ा होता जाता है, जम जाता है  और स्टोन्स बन जाते हैं। 

पूरी गर्भावस्था में, खास तौर से पहले तीन महीनों में स्टोन का दर्द उठने पर एंटीबायोटिक्स, IV ग्लूकोस तथा दर्द निवारक दवाओं द्वारा इसको कंट्रोल किया जाता है। इस समय इसके  ऑपरेशन की सलाह नहीं दी जाती है। ऑपरेशन गर्भ में पनप रहे बच्चे के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। इस समय ऑपरेशन करने पर या तो गर्भपात हो सकता है या बच्चे पर दवाइयों का दुष्प्रभाव भी  हो सकता है। 

गर्भावस्था के बीच के तीन महीनों में  ऑपरेशन करना सुरक्षित रहता है।स्टोन का दर्द उठने पर एंटीबायोटिक्स, IV ग्लूकोस तथा दर्द निवारक दवाओं द्वारा इसको कंट्रोल करना चाहिए। सर्जन और परिवार मिलकर ऑपरेशन के फैसले को ले सकते हैं। दूरबीन का ऑपरेशन ही ज्यादा सुरछित रहता है। 

गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनों में ऑपरेशन करना बेहद जोखिम भरा होता है क्योंकि पेट में ऑपरेशन के लायक जगह ही नहीं बचती है। स्टोन का दर्द उठने पर एंटीबायोटिक्स, IV ग्लूकोस तथा दर्द निवारक दवाओं द्वारा इसको कंट्रोल करना चाहिए।


किसी भी समय अगर इमरजेंसी हो तो हमें ऑपरेशन करना पड़ता है लेकिन मरीज और उसके परिवार को सभी खतरों को समझना चाहिए। 

अगर गर्भावस्था में ऑपरेशन नहीं किया गया है तो बच्चा होने के 6 हफ्ते बाद दूरबीन द्वारा ऑपरेशन की मैं सलाह देता हूँ। किसी भी हालत में पुनः गर्भधारण से पहले तो हमें ऑपरेशन करवा ही लेना चाहिए। 

पथरी के इलाज के समय हमें सर्जन तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ दोनों की सलाह मान कर चलना चाहिए। 

गॉलब्लेडर के स्टोन्स के मरीजों के लिए क्या डाइट उचित है जानने के लिए मेरी ये वीडियो देखिये -







अगर हम इसका ऑपरेशन नहीं कराएं तो क्या होगा जानने के लिए मेरी ये वीडियो देखें -



डॉ पुनीत अग्रवाल MS 
दूरबीन सर्जन , लेज़र सर्जन 
प्रॉक्टोलॉजिस्ट 
Contact WhatsApp  9837144287 




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