Anal Fissure लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Anal Fissure लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 19 सितंबर 2021

Laser Piles Treatment, Piles Treatment in Hindi

 Laser Piles Treatment, Piles Treatment in Hindi

I am discussing piles treatment, piles surgery & laser treatment for Piles. Laser surgery for piles is commonly done now a days in my laser piles clinic. Laser treatment for piles cost not more than usual charges of conventional piles operation cost.

Piles treatment without surgery is possible with Laser. Laser treatment for piles is good or bad - In my hands results are wonderful. Piles laser treatment cost in Agra is minimal with us at-  Piles clinic, Piles doctor near me, Piles laser treatment near me,  

Laser treatment for piles is most modern method of treatment.







लेजर द्वारा बवासीर पाइल्स का इलाज हमें क्यों करना चाहिए ?

Why treatment by laser is recommended for most patients of Haemorrhoids?

नवीन वैज्ञानिक शोधों के अनुसार बवासीर वास्तव में कुशंस हैं, जो गुदा मार्ग को कसकर बंद रखते हैं तथा हवा, पाद, पानी, मल आदि को बिना दिमाग के संकेत के बाहर नहीं आने देते हैं।  जब यह कुशंस ढीले पड़ जाते हैं, लटकने लगते हैं, तो इनके अंदर रक्त वाहिकायें  बन जाती हैं।  रगड़ लगने पर इन ऊतकों से खून रिसता है या अत्यधिक सूजन आ जाती है।  पुरानी धारणाओं के विपरीत यह खून धार से धमनियों (artery ) से बहुत तीव्र गति से निकलता है।  सफेद कमोड पर सुर्ख लाल रंग देखकर मरीज को चक्कर भी आने लगते हैं। 

लेजर द्वारा पाइल्स अथवा बवासीर का उपचार आजकल सफलतापूर्वक किया जा रहा है।  पिछले कुछ वर्षों से इसका प्रचलन काफी अधिक हो गया है।  महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके परिणाम बहुत ही उत्साहवर्धक है। 

लेजर द्वारा बवासीर का इलाज आधुनिकतम इलाज है।  भारतवर्ष में है कुछ ही अस्पतालों में इसकी सुविधा अभी उपलब्ध है। 

अब मैं आपसे लेजर सर्जरी के प्रमुख फायदों की चर्चा करूंगा

1 आधुनिकतम इलाज

जैसे मैंने ऊपर लिखा यह पाइल्स के लिए आधुनिकतम इलाज है।  किसी भी प्रामाणिक विधि के बारे में हम प्रकाशित शोधों से अपनी जानकारी लेते हैं।  वैज्ञानिक शोधों के अनुसार लेजर के परिणाम बेहद अच्छे हैं, बहुत लंबे समय तक बने रहते हैं।  

लेजर की मशीन अभी भारतवर्ष में नहीं बन रही है।  मैंने भी अपनी मशीन इजराइल से मंगाई है। 




2 कोई चीरफाड नहीं

'लेजर सर्जरी' शब्द के बावजूद इसमें कोई भी चीर फाड़ नहीं की जाती है।  किसी प्रकार का चीरा नहीं लगाया जाता है।  सिर्फ एक पतला सा लेजर का धागा हमें बवासीर के मस्सों से छुटकारा दिला देता है। 



3 अत्यधिक रक्तस्राव नहीं

क्योंकि किसी प्रकार का चीरा हम नहीं लगा रहे हैं इस कारण किसी भी प्रकार का खून नहीं बहता है।  आम बवासीर की सर्जरी में हमें गुदा मार्ग को बहुत जगह से काटना पड़ता है, इस कारण रक्त स्राव बहुत होता है।  यह रक्त स्रावऑपरेशन के पश्चात भी बहुत दिनों तक होता ही रहता है। 

4 गुदा मार्ग संकुचन नहीं होना ( Less Surgical Complications )

क्योंकि ऑपरेशन के दौरान गुदा मार्ग  को हमें काटना पड़ता है, घाव भरते समय यह सिकुड़ता है, इस कारण कई बार गुदा मार्ग संकुचित हो जाता है Anal Stenosis   ज्यादा संकुचित होने पर उसका भी ऑपरेशन करना पड़ सकता है। 

5 दर्द

क्योंकि हम किसी भी प्रकार की चीर फाड़ नहीं कर रहे हैं इसलिए गुदा मार्ग  में किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है।  सामान्य ऑपरेशन के बाद कुछ हफ्तों तक मरीज को दर्द बना रहता है तथा उसे दर्द की दवाइयां नियमित रूप से खानी पड़ती है। 

6 लेजर में कम समय लगना

सामान्य ऑपरेशन में लगभग 1 घंटा समय लगता है।  लेजर द्वारा सभी कार्य  आधे घंटे से भी कम समय में किया जा सकता है।  कम समय लगने के कारण मरीज को जल्दी से स्वास्थ्य लाभ होता है।



7 घाव को जल्दी से भरना

सामान्य ऑपरेशन में बवासीर का घाव भरने में हफ्तों लगते हैं।  लेजर में हम चूंकि कोई चीर फाड़ नहीं करते हैं मरीज जल्दी से स्वस्थ हो जाता है। 

8 अन्य उतको पर कोई दुष्प्रभाव नहीं

लेजर का प्रभाव बहुत गहरा नहीं होता है।  यह केवल उसी हिस्से में कार्य करती है जहां इसका उपयोग किया जाता है।  इसके विपरीत सामान्य ऑपरेशन में कई बार अन्य अंगों  को भी नुकसान पहुंच सकता है।  यदि गुदा के चारों तरफ लिपटी मांसपेशियां कट जाती  हैं तो शरीर की  पाद  एवं मल रोकने की क्षमता घट जाती है। 

9 सुनिश्चितता

लेजर सुनिश्चितता  से केवल बवासीर को ठीक करता है, आसपास के ऊतकों  को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है।  यह इसका बहुत ही बड़ा पॉजिटिव प्वाइंट है। 

10 इंफेक्शन का ना होना

चीर फाड़ के ना होने के कारण लेजर में किसी प्रकार के इंफेक्शन, सेप्टिक या मवाद  पड़ने की उम्मीद नहीं होती है।  

सामान्य ऑपरेशन में इन्फेक्शन होना एक आम बात है इस कारण मरीज को बहुत दिनों तक एंटीबायोटिक्स खाने पड़ते हैं। 

11 कार्य पर शीघ्र वापसी

लेजर द्वारा मरीज को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ होता है तथा वह बहुत जल्दी अपने कार्य अथवा नौकरी पर वापस जा सकता है।  यह प्लेजर का अत्यधिक  महत्वपूर्ण पॉजिटिव प्वाइंट है। 

12 डॉक्टर की क्लीनिक पर बार-बार नहीं जाना पड़ता

लेसर के मरीज को डॉक्टर के पास बार-बार आने की जरूरत नहीं होती है। 

13 मरीजों द्वारा लेजर को सफलतापूर्वक अपनाना 

उपरोक्त सभी कारणों के कारण मरीजों द्वारा लेजर को सफलतापूर्वक अपनाया जा रहा है। 

आगरा और आगरा के आसपास के मरीजों का मेरे द्वारा लेजर से इलाज किया जा रहा है जो बहुत ही उत्साहवर्धक है। 

कृपया एक प्रॉक्टोलॉजिस्ट या गुदा मार्ग रोग विशेषज्ञ से आज ही परीक्षण करवा कर यह सुनिश्चित करें कि क्या आप का इलाज लेजर से संभव है

यदि हां तो फिर सोचने की जरूरत नहीं है। 

No piles only smiles

अगर आप मुझसे कुछ पूछना चाहे तो मुझे 9837144287 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं। 

आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं मेरा ईमेल एड्रेस है puneet265@gmail.com


Laser operation cost at my clinic at agra




Precautions after Laser treatment 


Piles Images



डॉ पुनीत अग्रवाल ms 

प्रॉक्टोलॉजिस्ट एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जन 


बवासीर के बारे अधिक जानकारी के लिए यह भी पढ़ें -

गुदा रोग: बवासीर- क्या आप वाकई में बवासीर से पीड़ित हैं ?

बवासीर होने के प्रमुख कारण तथा उनसे बचाव, Piles causes and methods to prevent them

बवासीर में क्या न खाएं और क्या ना करें। बवासीर में क्या परहेज करने चाहिए। What not to eat in Piles

Sitz Bath and Ashwini Mudra सिट्ज़ बाथ एवं अश्विनी मुद्रा

Constipation कब्ज क्या है कब्ज से बचने के उपाय तथा कब्ज होने पर क्या करें

Anal Fissure - एनल फिशर, गुदा चीर, गुदाद्वार में घाव All you should know about it

शनिवार, 4 सितंबर 2021

Anal Fissure - एनल फिशर, गुदा चीर, गुदाद्वार में घाव All you should know about it

 एनल फिशर, गुदा चीर,  गुदाद्वार में घाव

 एनल फिशर क्या होता है, इसका बचाव तथा उपचार 

गुदा मार्ग  में कोई भी परेशानी होने पर पीड़ित रोगी चिकित्सक से बवासीर का इलाज करने का आग्रह करता है।  वास्तव में बवासीर के अतिरिक्त भी अन्य कई बीमारियां हैं जो गुदा मार्ग पर हो सकती हैं - जैसे एनल फिशर, भगंदर, वार्ट, कैंसर, खुजली, खाज, नासूर आदि

एक गुदा रोग विशेषज्ञ अथवा प्रॉक्टोलॉजिस्ट ही बीमारी को सही प्रकार से पहचान सकता है।  यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि बवासीर तथा अन्य रोगों का उपचार एवं चिकित्सा अलग-अलग है। 





एनल फिशर  के रोगी को शौच जाते वक्त गुदा में दर्द का अनुभव होता है।  कुछ रोगी  तीव्र जलन की भी शिकायत करते हैं।  प्रारंभ में यह दर्द शौच जाने के समय ही होता है।  धीरे-धीरे दर्द की तीव्रता बढ़ती जाती है।  कुछ समय पश्चात उपचार न लेने पर, दर्द शौच जाने के बाद भी होने लगता है।  मरीज घंटों तक इस दर्द को महसूस करता है।  बाद में शौच जाते समय प्रारंभ हुआ दर्द दिनभर ही बना रहता है।  दर्द के कारण रोगी को चक्कर आते हैं, उसकी टांगे कांपने लगती हैं।  रोगी शौच करने जाने से भी डरने  लगता है।  शौच  में बैठते ही वह उठ  खड़ा होता है, इससे बड़ी आत में मल  एकत्रित होकर  सूखने लगता है। 

कुछ रोगियों को मल के साथ तथा बाद में खून भी आता है।  यह खून प्रारंभ में मल के ऊपर एक लाइन की तरह लग कर आता है।  रोगी पूछने पर बताता भी है कि उसने मल के ऊपर रक्त  की लाइन बनी देखी है।  उपचार न लेने पर एनल फिशर का घाव गहरा होता जाता है।  इसमें से शौच के समय बहुत रक्त आता है। 

कुछ फिसर के रोगियों को गुदा मार्ग पर खुजली होती है।  उन्हें जोर से  खुजाने का मन भी करता है।  कुछ रोगियों को गुदा मार्ग पर भारीपन सा लगता रहता है। 

फिशर का उपचार न लेने पर किसके ऊपर बाहर की तरफ सूजन आने लगती है, जिसे हम 'सेंटिनल पाइल'  के रूप में जानते हैं।  यह वास्तव में बवासीर नहीं है, सूजन है।  रोगी इससे अनभिज्ञ इस  सूजन को बवासीर का मस्सा ही समझते हैं।  एक योग्य गुदा रोग विशेषज्ञ इसकी पहचान सही प्रकार से कर सकता है। 

घाव  के कारण गुदा मार्ग तनाव में बना रहता है।  रोगी अपनी गुदा को कसकर बंद रखता है।  इसी कारण गुदा का अंदरूनी परीक्षण करना भी संभव नहीं हो पाता है। 

हमारा गुदा मार दो तरह की गोल मासपेशियों से घिरा रहता है।  इसमें से अंदर वाली मांसपेशी हमेशा तनाव में रहती है तथा गुदा मार्ग को दबा कर रखती है, ताकि उसमें से वायु, पाद, मल  बाहर न निकल  सके।  

बाहरी मांसपेशी हमारे दिमाग के अनुरूप ढीली या कड़ी हो सकती है। 

फिशर होने का मूल कारण

फिशर होने का मूल कारण है - कब्ज।  

मल हमारी बड़ी आंतों में पड़े पड़े सूख जाता है तथा उसका आकार बड़ा हो जाता है।  इस प्रकार के मल  को जब हमारी आंतें  जोर लगा कर बाहर निकालती हैं, उस समय गुदा मार्ग छिल जाता है या फट जाता है।  गुदा मार्ग की झिल्ली केवल छिल भी  सकती है तथा वह पूरी तरह फट भी सकती है। 

अगर झिल्ली केवल ऊपर से ही छिली  होती है तो कब्ज को सही रखकर तथा अन्य दवाइयों से यह घाव भर सकता है।  अन्यथा हमको उसका ऑपरेशन ही करना पड़ता है। 

घाव के कारण गुदा मार्ग  को घेरी अंदरूनी मांसपेशियां  और अधिक तनाव में आ जाती हैं।  इस कारण रक्त का प्रवाह भी इस हिस्से में कम हो जाता है।  इससे भी फिशर का घाव भरने में परेशानी होती है।  ज्यादातर यह घाव पीछे की तरफ होते हैं।  बहुत कम लोगों में यह ऊपर की तरफ होते हैं। 

दवाइयों द्वारा उपचार

लगभग 80% एनल फिशर जो गहरे नहीं होते हैं दवाइयों द्वारा ठीक हो जाते हैं।  इसका उपचार कब्ज को सही करके ही संभव है।  कब्ज से फ़िशर  होता है, फिशर से और कब्ज होता है, कब्ज पुनः  फिशर के घाव को हरा कर देता है।  इस चक्र को तोड़कर तथा कब्ज का उपचार कर हम रोगी को रोग मुक्त कर सकते हैं। 

भोजन 

कब्ज से मुक्ति पाने के लिए हमें अधिक रेशे युक्त भोजन, फल तथा सलाद का सेवन करना चाहिए।  

रेशे युक्त भोजन के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।  हम को कम से कम 3 से 4 लीटर पानी भी प्रतिदिन पीना चाहिए।  इसके बारे में भी उपरोक्त लेख में मैंने विस्तृत रूप से वर्णन किया है। 

सिट्ज़ बाथ 

फिशर में गुनगुने पानी से भरे टब में बैठकर सिकाई करने से भी बहुत आराम मिलता है।  सिकाई अंदरूनी मांसपेशी के तनाव को भी  कम करती है।  सिकाई करते समय हमारा गुदा मार्ग तथा कूल्हे  गुनगुने पानी में डूबे रहने चाहिए। 

इंजेक्शन द्वारा उपचार  

कुछ चिकित्सक बोटूलिनम टॉक्सिन के इंजेक्शन भी गुदा मार्ग  की मांसपेशियों में लगाते हैं।  लेकिन एक बार असर आने  पर, लगभग 3 महीने बाद इसका असर धीरे धीरे खत्म हो जाता है। 

मलहम 

कुछ मलहम भी  फिशर के लिए बाजार में उपलब्ध है।  लेकिन उनका प्रयोग चिकित्सीय सलाह के बिना कदापि भी नहीं करना चाहिए। 

ऑपरेशन 

लेजर द्वारा फिशर का ऑपरेशन सहजता से किया जा सकता है।  इससे दर्द भी बहुत कम होता है, शाम तक रोगी की छुट्टी भी हो जाती है। 


I am performing laser surgery for Anal Fissure


अगर आप मुझसे कुछ पूछना चाहे तो मुझे 9837144287 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।  

मेरी ईमेल है puneet265@gmail.com

डॉ पुनीत अग्रवाल MS 

लेज़र द्वारा बवासीर तथा फिशर का उपचार 

बेस्ट पाइल्स डॉक्टर ऑफ़ आगरा  


बवासीर होने के प्रमुख कारण तथा उनसे बचाव, Piles causes and methods to prevent them

बवासीर में क्या न खाएं और क्या ना करें। बवासीर में क्या परहेज करने चाहिए। What not to eat in Piles



Can I drink alcohol after my gall bladder is removed?

 Can I drink alcohol after my gall bladder is removed ? Gallbladder has no direct role in digestion. It stores the bile which is required to...