कीगल एक्सरसाइज Kegel Exercises
पेल्विक फ्लोर मसल ट्रेनिंग एक्सरसाइज
Pelvic Floor Muscle Training Exercises
पेल्विक फ्लोर क्या होता है ?
पेल्विक फ्लोर हमारे पेट के सबसे निचले हिस्से में मिलने वाली मांसपेशियां है। इसमें से होकर हमारी मूत्राशय नली तथा बड़ी आंत का आखरी हिस्सा गुदा तथा रेक्टम बाहर निकलते हैं। महिलाओं में गर्भाशय तथा वेजाइना भी बाहर निकलती है।
जब पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां संकुचित होती है तो वह सब मांसपेसियों पर दबाव बनाती है। मजबूत मांसपेशियां इन सभी अंगों को अच्छी तरह सहारा देती हैं तथा वक्त बेवक्त पेशाब तथा पाद , मल रोकने में सहायता करती है। इन मांसपेसियों को हम कुछ कसरत द्वारा मजबूत बना सकते हैं। इससे उनमें आई हुई कमजोरी भी दूर हो जाएगी। वह एक बार फिर से प्रभावी ढंग से काम करने लगेंगी।
ट्रेनिंग प्रशिक्षण
ट्रेनिंग शुरू करने से पहले आपको यह मालूम होना चाहिए कि आपको पेल्विक फ्लोर की किन मांसपेशियों को मजबूत बनाना है। बाथरूम में जाकर पेशाब करना प्रारंभ कीजिए। जब पेशाब अच्छी तरह आ रही हो उस समय पेशाब को रोकने का प्रयास कीजिए। इसे रोकने में आपने अपनी मांसपेशियों का उपयोग किया है आपको उन्हीं मांसपेशियों को मजबूत बनाना है। शुरुआत में इस प्रक्रिया को दुहरा कर आप उन मांसपेशियों को अच्छी तरह से पहचान सकते हैं। मांसपेशियों की सही पहचान अच्छे परिणाम के लिए आवश्यक है।
एक बार जब आप इसे करना सीख जाएं तो बैठे-बैठे ही इस प्रक्रिया को दुहरायें। पेशाब करते हुए इस कसरत को नियमित तरीके से बिल्कुल भी ना करें, इससे नुकसान हो सकता है।
अगर आप अभी भी मांसपेशियों को सही तरह से नहीं पहचान पा रहे हैं तो अपनी एक उंगली को गुदाद्वार के अंदर डाल लें। अब इसी अवस्था में रहते हुए इस तरह जोर बनाएं कि आप पेशाब को रोक रहे हैं या पाद आने को रोक रहे हैं। यह भी सभी वही मांसपेशियां हैं जिन्हें हम मजबूत बनाना चाहते हैं।
एक बात का विशेष ध्यान रखें जिस समय आप अपनी मांसपेशियों को मजबूत बना रहे हो उस समय आपकी पेट की,जांघो की तथा कूल्हों की मांसपेशियां सामान्य रहनी चाहिए। अगर पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों का कार्य यह मांसपेशियां कर देंगी तो हमारा कार्य सिद्ध नहीं होगा।
पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को प्रशिक्षण करने का तरीका
सर्वप्रथम अपनी पेशाब की थैली को मूत्र त्याग कर खाली कर दे। ऊपर बताई गई विधि द्वारा मांसपेशियों को संकुचित करें। संकुचित करते समय ऊपर अंदर की तरफ उन्हें खीचें तथा लगभग 10 सेकंड तक रुके रहें। तत्पश्चात 10 सेकंड के लिए मांसपेशियों को ढीला छोड़ दें। इस प्रक्रिया को दस बार दोहराएं। दिन में 3 से 5 बार तक इस कसरत को दोहराना चाहिए।
प्रशिक्षण के समय ध्यान रखने वाली सावधानियां
इस कसरत को बताई हुई विधि द्वारा ही करें। अच्छे परिणाम की चाहत में कसरत ज्यादा ना करें। इससे मांसपेशियां थक जाएंगी तथा वांछित फल भी प्राप्त नहीं होगा।
कसरत करते समय यदि आपको अपने पेट में, जाघों में असुविधा या पीड़ा महसूस हो तो इसका मतलब है कि आप कसरत सही प्रकार से नहीं कर रहे हैं। कसरत करते समय गहरी गहरी सांस लेते रहें तथा शरीर को ढीला छोड़ दें।
कसरत करते समय फल की इच्छा जल्दी ना करें। इसके परिणाम धीरे-धीरे कुछ हफ्तों या महीनों तक जाकर मिलते हैं।
सही प्रकार से कसरत करने पर यह शीघ्रपतन तथा नपुंसकता में भी खासतौर से फायदेमंद रहती है।
अपने नतीजों से मुझे जरूर अवगत कराएं या अगर आपके पास कुछ सवाल है तो आप मुझे ईमेल कर सकते हैं
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डॉ पुनीत अग्रवाल MS
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