Orange is high In Oxalates . Should we consume it in Kidney stones ? Is orange juice good for kidney stones ? Can I eat oranges if I have kidney stones? Can you eat oranges on a low oxalate diet?
Most common kidney stones are formed from calcium oxalate. It is advisable to avoid high oxalate diet and food items which are high in Oxalates. To know contents of oxalate in different foods Click here
Oranges are considered high in oxalate. We should avoid it but it is advised by scientists to drink one glass of orange juice daily even in kidney stones.
Orange juice is high in citrates. It is also high in potassium magnesium, folate and vitamin C.
All these substances reduce oxalate crystals formation and oxalate stone formation. Citrates present in the juice combines with calcium and prevents absorption of oxalates. Always remember lemon is best source of citrates followed by orange and grapefruit.
Orange as whole contains more oxalate than orange juice because orange fruit contain fiber surrounding the juice. Even if you are taking this juice, don't take more than one glass per day because it is very high in sugars especially fructose and high sugar consumption is not allowed in kidney stones.
Oranges are also not allowed if your kidneys are not functioning well because It contains lot of potassium which is dangerous in kidney failure.
While one orange contains 29 mg of oxalate, one cup of orange juice contains only 2 mg of oxalate.
Kidney stone banne se kaise roke, किडनी स्टोन बनने से रोकने के लिए, आप ये उपाय अपना सकते हैं, गुर्दे की पथरी को रोकने के तरीके Ways to prevent kidney stone formation repeatedly:
क्या आप भी किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी के मरीज हैं, आपका ऑपरेशन हो चुका है या आपके किसी परिजन को पथरी की समस्या है ? क्या आपको पथरी बनती रहती हैं तथा पेशाब के रास्ते निकलती रहती हैं तो ये जानकारी आपके लिए है। यदि आपके परिवार के किसी सदस्य को पथरी की बीमारी है तो आपको भी पथरी की समस्या हो सकती है। यदि हम कुछ सावधानियाँ रखें तो पथरी को बनने से रोक सकते हैं। यदि ऑपरेशन हो चुका है तो विशेष सावधानियों की आवश्यकता है ताकि पथरी दुबारा न बने।
2018 के एक सर्वे के अनुसार भारत वर्ष में लगभग १५% लोग पथरी रोग से पीड़ित हैं। एक बार पथरी बनने के बाद अगले दस सालों में दुबारा पथरी बनने की संभावनाएं ५०% तक अधिक होती हैं।
Kidney stone symptoms: kidney me stone ke lakshan in Hindi
गुर्दे की पथरी एक सामान्य बीमारी नहीं है। इस बीमारी में मरीज को पेट में बहुत तेज दर्द होता है। दर्द के साथ पेशाब में जलन, बदबू आना, झाग दार पेशाब आना, गहरे रंग की पेशाब आना तथा पेशाब में खून भी आ सकता है। समय पर इलाज न लेने पर किडनी फेल भी हो सकती है या किडनी में पस भी भर जाता है।
कुछ प्रदेशों में पथरी ज्यादा बनती हैं जैसे राजस्थान, हरयाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल। ये हिस्से स्टोन बैल्ट में आते हैं। हमारे खाने के कुछ तत्व स्टोन बनने के लिए जोखिम का कार्य करते हैं। अपने खाने पीने के तरीकों में बदलाव करके हम पथरी का बनना कम कर सकते हैं। जैसे:- प्रोटीन का ज्यादा सेवन करने के बाद पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है। पशु खाद्य उत्पाद खाने के बाद पेशाब तंत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट तथा फॉस्फोरस की मात्रा बढ़ जाती है। ज्यादा कार्बोहायड्रेट तथा वसा का अधिक सेवन से भी ये होता है। खाने में अधिक नमक होने से भी पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है जो पथरी बनने का एक प्रमुख जोखिम तत्व है। यदि हम बहुत कम कैल्शियम वाली डाइट लेते हैं तो ऑक्सालेट का अवशोषण अधिक हो जाता है। फलों तथा सब्जियों का खाने में कम प्रयोग पथरी बनने की संभावनाओं को बढ़ता है, क्योंकि ये सिट्रिक एसिड, पोटैसियम तथा मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। विटामिन सी का अधिक सेवन खास तौर से सिंथेटिक विटामिन सी का अधिक सेवन पथरी बनने की संभावनाओं को बढ़ता है।
यों तो गुर्दे में कई प्रकार की पथरी बनती हैं पर कैल्शियम ऑक्सालेट की पथरी ज्यादातर पायी जाती है। अपने इस लेख में मैंने इसी पथरी के बारे में चर्चा की है। कैल्शियम का नाम सुनकर कैल्शियम का सेवन कम न करें, इससे पथरी बनने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं। इसके विपरीत अधिक ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों के साथ दूध या दूध के अन्य उत्पादक लेने से पथरी कम बनती हैं। दूध का कैल्शियम आतों में खाने के ऑक्सालेट से मिलकर मल में निकल जाता है। जिन लोगों की पेशाब में पथरी निकलती रहती हैं उन्हें पथरी को एकत्र कर जांच करवानी चाहिए । इससे हमें पथरी का मूल कारण पता चलता है।
आइये अब खानपान में बदलाव की चर्चा करते हैं :
१ तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें -
हमें २-३ लीटर तरल द्रव्य लेने चाहिए। (आठ से बारह कप, एक कप = २५० ml)
इसमें आधा भाग पानी का होना चाहिए। बाकी आधे भाग में हम दूध, कॉफ़ी, चाय, जूस तथा कोकोनट वाटर ले सकते हैं।
ध्यान रखिये
* फलों के रस या काली चाय की एक सर्विंग से अधिक न हो, एक सर्विंग = २०० ml
* चॉकलेट दूध, हॉट चॉकलेट, बादाम का दूध का सेवन न करें
* गाजर का जूस तथा क्रैनबेरी जूस का सेवन न करें
* मीठे तरल पदार्थ, कोल्ड ड्रिंक्स, मीठे फलों के रस, लेमोनेड का सेवन बिलकुल नहीं करना है।
हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हमें प्रतिदिन कम से कम दो लीटर पेशाब बने। इसे हम पेशाब के रंग से समझ सकते हैं, जो हल्की पीली होनी चाहिए। पेशाब का रंग देख कर पानी की मात्रा बढ़ा घटा दें क्योंकि रोज पेशाब को मापना मुश्किल है। पानी अधिक पिएं यदि गर्मी अधिक हो, आपको अधिक पसीना आ रहा हो, आप मेहनत का कार्य कर रहें हों, या आपको बुखार, दस्त या उल्टियां हो रही हों।
सम्मिलित करें -
अपनी डाइट में नीबू के रस को सम्मिलित करें, नीबू का रस प्राकृतिक नीबू का होना चाहिए सिंथेटिक नहीं। इसमें सिट्रिक एसिड होता है जो कैल्शियम से मिलकर पेशाब में कैल्शियम सिटरेट की तरह निकल जाता है तथा ऑक्सालेट स्टोन नहीं बनने देता है। आप १२५ ml दो लीटर पानी में मिलाएं या जितना भी आप ले सकें अच्छा है।
२ अपने खाने में सोडियम - नमक का सेवन कम से कम करें -
अपने खाने में नमक का प्रयोग कम से कम करें। इसको एक छोटी चम्मच Teaspoon से कम करें < २००० mg या २ ग्राम से कम।
अगर आप अधिक नमक खाते हैं तो पथरी अधिक बनने लगती हैं। ज्यादा नमक लेने से पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है।
सावधानियां -
* डिब्बा बंद खाने में, प्रोसेस्ड फ़ूड में, तुरंत तैयार होने वाले खाने, canned फूड में नमक अधिक होता है। इसके सेवन से बचें।
* अचार चटनी पापड़ से बचें।
* अधिक नमक वाली चीज़ cheese का सेवन न करें जैसे - फैटा चीज़, ब्लू चीज़, क्राफ्ट सिंगल्स चीज़।
* सूप तथा शोरबा में अधिक नमक पड़ता है , इससे बचें।
* अगर बाहर खाना खा रहे हैं तो शेफ से कम नमक प्रयोग करने को कहें।
* घर पर जहाँ तक हो सके नमक का प्रयोग न करें या बहुत कम करें।
* नमक के अतिरिक्त अन्य मसालों तथा हर्ब्स का प्रयोग करें।
* खाने में ऊपर से नमक न छिड़कें
डिब्बा बंद खाने का लेवल चेक करें -
अगर लेवल पर ५% of Daily Volume से कम सोडियम है तो प्रयोग कर सकते हैं।
३ पशुओं से मिलने वाले प्रोटीन का सेवन कम करें।
पशुओं से हमें ये प्रोटीन खाद्य पदार्थ मिलते हैं -
* Poultry मुर्गी
* लाल मीट
* मछली
* Organ Meat अंग मांस जैसे लिवर किडनी दिल ब्रेन आदि
- प्रतिदिन २ सर्विंग्स से ज्यादा न खाएं ( one serving size is =75 gms )
इन शाकाहारी खाने तथा प्रोटीन को चुनें -
दालें, फलियां तथा legumes
४ ऑक्सालेट युक्त खानों का सेवन कम से कम करें -
यह भाग सबसे आवशयक है। ऑक्सालेट कुछ फलों, सब्जियों, नट्स, बीज तथा साबुत अनाज में मिलते हैं।
उदाहरण के लिए इन खाद्य पदार्थों में ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है, इनसे बचें:-
मैंने सभी खाद्य पदार्थों को तीन भागों में बांटा है - अधिक ऑक्सालेट युक्त, मध्यम ऑक्सालेट युक्त, कम ऑक्सालेट युक्त। अधिक जानकारी के लिए मेरी अगली वीडियो या लेख देखें।