शुक्रवार, 30 जून 2023

After piles surgery exercise - When to start what to start

 After piles surgery exercise - When to start what to start







आज पाइल्स एक सामान्य समस्या बन गयी है। पचास वर्ष के पचास प्रतिशत लोग इस बीमारी के चपेट में आते जा रहे हैं। पाइल्स अथवा बवासीर होने का मुख्य कारण है कब्जियत तथा हमारी अव्यस्थित जीवन शैली। अन्य प्रमुख कारण  हैं - शौच के समय अतिरिक्त बल लगाना, अधिक समय तक पौटी में बैठे रहना, लम्बे समय तक दस्त लगे रहना, अधिक वजन होना, अधिक वजन उठाना (weight lifting ), कम  रेशे वाला खाना, गर्भावस्था, गुदा मैथुन आदि। 

प्रारंभिक अवस्था में इसका इलाज बिना ऑपरेशन के संभव है लेकिन बीमारी की अवस्था बढ़ने पर ऑपरेशन या लेज़र या इंजेक्शन आवश्यक हो जाता है। 

किसी भी प्रकार के सर्जिकल इलाज के बाद हमें किस प्रकार का व्यायाम करना चाहिए और किस समय व्यायाम प्रारम्भ करना चाहिए आज इसी विषय पर आपसे चर्चा करूँगा। 

कीगेल व्यायाम 

क्या न करने से पहले में आपको बताऊंगा की आप को कौन से कसरत करनी चाहिए। ऑपरेशन के बाद जब आप चलने फिरने लगें, कमजोरी न महसूस कर रहें तो इसे प्रारम्भ करें। 

लेटे लेटे या बैठ कर इसे करें।  साँस को अंदर खींच  कर रोक लें। अब अपने गुदाद्वार को टाइट करें जैसे आप पेट कि गैस को बाहर  निकलने से रोक रहे हो।  पाँच सेकंड तक रोकने के बाद ढीला छोड़ दें। अब पुनः इसे टाइट करें। इसे सुबह शाम दस दस बार करें। अपने पेट की या जाघों की मांसपेशियों का बिलकुल भी प्रयोग न करें। 

व्यायाम 

किसी भी ऑपरेशन के बाद कड़ी मेहनत वाले व्यायाम न करें। ऐसे व्यायाम जिन्हें करने से गुदा मार्ग पर तनाव बढ़ता हो जैसे भारी वजन उठाना, दौड़ लगाना, तेज चलना, उठक बैठक लगाना, घुड़सवारी, दौड़ भाग वाले खेल जैसे फुटबॉल हॉकी आदि प्रारम्भ न करें। 

सर्व प्रथम घाव को पूरी तरह से भर जाने दें। इसे भरने में दो से तीन सप्ताह का समय लगता है। अपने शरीर में कमजोरी को महसूस न होने पर ही धीरे धीरे हल्का व्यायाम प्रारम्भ करें। शुरुआत में धीरे धीरे टहलना प्रारम्भ करें। तत्पश्चात सामान्य महसूस होने पर ही टहलने की गति तथा समय बढ़ाते रहें। टहलने से रक्त का प्रवाह बढ़ता है जिससे रक्त गुदा मार्ग पर एकत्रित नहीं होता है तथा खून बहने की समस्या कम हो जाती है। 

ऐसे व्यायाम न करें जिन्हें करने पर आप गुदा मार्ग पर तनाव महसूस करते हों। 

ऑपरेशन के बाद कमजोरी न लगने पर तथा सामान्य महसूस होने पर गतिविधि बढ़ाते रहें, मेहनत वाले व्यायाम भी अब धीरे धीरे शुरू करें। कोई भी कसरत एकदम से बहुत ज्यादा न करें। जिम में भी धीरे धीरे व्यायाम की गति बढ़ाएं। अपने शरीर की भाषा  को पहचानें, सामान्य महसूस होने पर ही आगे बढ़ें। ऐसे योग न करें जिन्हें करने से गुदा मार्ग में तनाव आता हो। 

ऑपरेशन /लेज़र/इंजेक्शन के बाद एक ही जगह पर बहुत देर तक न बैठें। बैठने के लिए डोनट तकिये का प्रयोग करें। ये बाजार में उपलब्ध हैं। (न मिलने पर आप मुझसे whatsapp पर लिंक ले सकते हैं।) ऑफिस में हर आधे घंटे बाद खड़े होकर कुछ टहलें। 

पूजा के समय शंख न बजाएं। 

अपने सर्जन द्वारा बताये गए मलहम का प्रयोग पॉटी जाने से पहले तथा बाद में अवशय करें। 

पॉटी के बाद गुनगुने पानी में बैठें Sitz Bath 

पॉटी के बाद सूखे टॉयलेट पेपर का प्रयोग बिलकुल भी न करें। गीले टॉयलेट पेपर या टिसू  से ही पोंछें। 

पॉटी करते समय जोर न लगाएं । 

संक्षेप में अपनी जीवन शैली धीरे धीरे सक्रिय करते रहें। 


मुझसे कुछ पूछना चाहें तो में whatsapp  9837144287 पर उपलब्ध हूँ। 


डॉ पुनीत अग्रवाल 

प्रोफेसर 

मेडिकल कॉलेज 

आगरा 


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शनिवार, 17 जून 2023

डायबिटीज को होने से कैसे रोकें ? क्या आपको डायबिटीज होने जा रही है ?

डायबिटीज को होने से कैसे रोकें ? 

क्या आपको डायबिटीज होने जा रही है ? क्या आप अपनी जीवन शैली में परिवर्तन के लिए तैयार हैं ?



भारत वर्ष में डायबिटीज एक महामारी की तरह फैल रही है। घर घर में, गांव और शहरों में करोड़ों लोग धीरे धीरे इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। भारत वर्ष में करीब दस करोड़ लोग डायबिटीज के रोगी हैं। विश्व के लगभग 17 प्रतिशत डायबिटीज के रोगी भारत में हैं। इस कारण भारत को डायबिटीज की राजधानी भी कहा जाता है। 

क्या हम अपने आपको डायबिटीज से बचा सकते हैं ? आज इसी विषय पर मैं आपसे चर्चा करूंगा। 

विश्व में हर दस सेकंड में कोई न कोई डायबिटीज के कारण मर रहा है। अगर आपका वजन ज्यादा है, अगर ट्राइग्लिसराइड (Lipid Profile) बढ़े हुए हैं, आपके माता पिता को डायबिटीज है या आपकी जीवन शैली सुस्त तथा आलसी है तो किसी भी समय आप को डायबिटीज हो सकती है। 

खुशी की बात है कि हम आज अपने आपको डायबिटीज होने से बचा सकते हैं। अगर आपको डायबिटीज हो गयी है तो इसको भलीभांति कन्ट्रोल कर सकते हैं तथा इसके दुष्प्रभावों से खुद को बचा सकते हैं। 

इसके लिए हमें क्या करना चाहिए ?

हमें अपनी जीवन शैली में कुछ छोटे छोटे परिवर्तन करने होंगे, सुस्तपन छोड़ कर सक्रिय होना होगा।  इसके साथ साथ अपने खान पान में भी कुछ परिवर्तन करने होँगे। ये परिवर्तन निश्चित तौर से संभव हैं। डायबिटीज के संभावित खतरों को देखते हुए हमें खुशी से इन्हें अपनाना चाहिए। 

1 मोटापा दूर करें 

डायबिटीज का प्रमुख कारण है वजन का अधिक होना। अपने सही वजन के लिए अपनी लम्बाई सेंटीमीटर में नापें, अब इसमें से 100 घटा दें। ये आपका आदर्श वजन किलोग्राम में बताता है। महिलाओं को 110 घटाना  चाहिए। अपने वजन को व्यायाम तथा सही खानपान से कम कर सकते हैं। 

प्रारम्भ में अपने वजन को दस प्रतिशत तक कम करने का प्रयास करें। तत्पश्चात अपने आदर्श वजन आने तक प्रयास रहें। एक रिसर्च पेपर के अनुसार यदि हम अपने वजन को 7 प्रतिशत तक कम करते हैं तो डायबिटीज होने की सम्भावना 60 प्रतिशत तक कम हो जाती है। जो भी प्रयास करें धीरे धीरे करें, एकदम से किए गए बदलाव हमारे शरीर पर अतिरिक्त तनाव पैदा करते हैं जो डायबिटीज को और बढ़ा सकते हैं। हमें  करीब आधा किलो वजन एक सप्ताह में कम करने का प्रयास करना चाहिए। वजन कम होने पर आप स्वयं अपने आपको ज्यादा स्वस्थ एवं तरोताजा महसूस करने लगेगें। 

2 नियमित व्यायाम 

नियमित व्यायाम के अनेक लाभ हैं। ये न केवल हमारे वजन को कम करता है बल्कि ब्लड शुगर को भी कम करता है। ये शरीर को इन्सुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है ताकि शुगर प्रभावी तरीके से नार्मल रह  सके। 

हमें प्रतिदिन 30 मिनट (हफ्ते में 150 से 200 मिनट ) एरोबिक व्यायाम करना चाहिए। ये व्यायाम हमारे दिल की धड़कन को बढ़ाते हैं। यदि हम एक साथ 30 मिनट न कर सकें तो दस-दस मिनट तीन बार कर सकते हैं। ये व्यायाम हमारी शुगर को कन्ट्रोल में रखते हैं , हमारे हृदय को स्वस्थ रखते हैं  , रक्तचाप काम करते हैं तथा अच्छे  HDL कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। अगर आप अभी तक नियमित  व्यायाम नहीं कर रहे हैं तो इसे धीरे धीरे प्रारम्भ करें । 

एरोबिक व्यायाम के प्रमुख उदाहरण हैं - तेज चलना, दौड़ लगाना, तैरना, साइकिल चलाना, रस्सी कूदना आदि। 

हफ्ते में दो से तीन बार हम योग या वजन उठाने वाले व्यायाम भी कर सकते हैं। 

अगर अपने कार्यालय में हम एक ही स्थान पर  बैठे रहते हैं तो हमको हर तीस मिनट बाद उठ कर थोड़ी देर टहलना चाहिए। ये भी ब्लड शुगर कन्ट्रोल के लिए अच्छा रहता है। 

3 स्वास्थ्यप्रद शाकाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन 

शाकाहारी  खाना कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन्स तथा खनिजों से भरपूर होता है। कार्बोहाइड्रेट्स हमको ऊर्जा तथा रेशा देते हैं। रेशे हमारी आँतों से बिना पचे बाहर निकल जाता है लेकिन ये हमारी आँतों के लिए लाभकारी होता है। रेशे युक्त खाद्यपदार्थ हमारे वजन को बढ़ने से रोकते हैं और डायबिटीज होने की सम्भावना को भी काम करते हैं। 

रेशे युक्त खाने के कुछ उदहारण निम्न हैं -

सभी फल 

सब्जियाँ जैसे हरी साग सब्जियां , गोभी, ब्रोकोली 

फलियां तथा दालें 

साबुत अनाज  ब्राउन चावल, स्टील कट ओट्स, ज्वार , बाजरा, रागी, चोकर सहित गेहूं आदि 

निम्न पदार्थों का सेवन न करें - 

चीनी युक्त खाने , मैदा, रिफाइंड शुगर रिफाइंड फूड्स , प्रोसेस्ड फूड्स, पैकेज्ड फूड्स आदि 

4 अच्छी चिकनाई को अपने खाने में जोड़ें 

अनसैचुरेटेड फैट्स हमारे कोलेस्ट्रॉल को काम करते हैं तथा हमारे हृदय के लिए अच्छे रहते हैं। 

*ओलिव आयल, सनफ्लॉवर आयल, केनोला आयल

*नट्स तथा बीज जैसे बादाम अखरोट मूंगफली फ्लैक्स  सीड्स, कद्दू के बीज 

*मछली सालमोन टुना 


सैचुरेटेड फैट्स हमें डेरी तथा मीट से मिलते हैं।  इनका सेवन हमें कम से कम करना चाहिए। चिकनाई निकला हुआ दूध तथा अन्य डेरी पदार्थ तथा चिकन का सेवन हम कर सकते हैं। 

अच्छे स्वास्थ्य के लिए आपकी खाने की प्लेट आधी फलों तथा सब्जियों से भरपूर होनी चाहिए। एक चौथाई साबुत अनाज से तथा एक चौथाई  प्रोटीन युक्त खाने से भरपूर होना चाहिए जैसे फलियां दालें मछली या चिकनाई रहित मीट। 

अपनी जीवन शैली को उपरोक्त सुझावों से बदलना प्रारम्भ कीजिये।  आप डायबिटीज से कोसों दूर रहेंगे। डायबिटीज यदि आपको है तो भी ये परिवर्तन आपको अपनाने चाहिए। 


Dr Puneet Agrawal 

MS 

Professor, Medical College

Agra


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