सोमवार, 30 अगस्त 2021

बवासीर में क्या न खाएं और क्या ना करें। बवासीर में क्या परहेज करने चाहिए। What not to eat in Piles

 बवासीर में क्या न खाएं और क्या ना करें। बवासीर में क्या परहेज करने चाहिए। 

What not to eat in Piles, Foods to avoid in Piles


बवासीर देखने सुनने में भले ही एक छोटा सा रोग हो, पर वास्तव में यह एक जानलेवा बीमारी है।  यह मुख्यतयः हमारी  खराब जीवन जीवनशैली के कारण बनती है।  सक्रिय जीवन शैली, स्वस्थ भोजन हमारे शरीर के लिए दो महत्वपूर्ण वरदान है।  

अपने पिछले लेख में मैंने बताया था कि बवासीर से बचने के लिए हमें क्या खाना चाहिए तथा क्या-क्या करना चाहिए उसे पढ़ने के लिए यहां Click करें। 

अब मैं आपको बताने जा रहा हूं कि हमें क्या क्या परहेज करना है।  आधुनिक चिकित्सा पद्धति में परहेज से परहेज है, परंतु वास्तव में परहेज बेहद जरूरी होते हैं। 

हमको निम्न भोज्य पदार्थों का परहेज करना चाहिए अगर सेवन करना भी हो तो इनका कम से कम मात्रा का सेवन करें। 

१  चिकनाई, मिर्च, मसाले 

२  धूम्रपान, शराब, तंबाकू 

३  कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ 

४  बेकरी उत्पादन 

५  डिब्बाबंद खाना, जंक फूड्स 

६  डेरी उत्पादन 

७  रिफाइंड ग्रेन्स  

८  कच्चे फल 

९  ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थ 

१०  आयरन युक्त दवाइयां 

११  रेशे की भोजन में अधिकता 

चिकनाई, मिर्च, मसाले

हमको अधिक तेल, वसा, मिर्च ,मसाले युक्त भोजन का नियमित सेवन नहीं करना चाहिए।  हमको हल्का स्वस्थ भोजन करना चाहिए।  खाने में सब्जियों के साथ सलाद, फल और साबुत अनाज होने चाहिए।  खाना बनाने में कम से कम तेल, मक्खन, घी का प्रयोग करें।  चिकनाई को बिल्कुल बंद ना  करें, थोड़ी चिकनाई भी हमारी शरीर  के लिए आवश्यक होती है। 

अधिक मिर्च (हरी, लाल) मसाले खाने से पेट में तथा शौच के दौरान जलन की गंभीर समस्या बनती है।  पेट भारी रहता है।  गैस भी अधिक बनती है। 

भारी खाना बवासीर की समस्या को और अधिक गंभीर कर देता है।  अतः  पूरी, कचौड़ी, समोसा, पकौड़ी, पराठा, पापड़, चाट, दालमोठ, नमकीन से दूर रहें।  दावत तथा होटल के खाने से भी पूर्णतया परहेज करें। 

धूम्रपान, शराब, तंबाकू, पान मसाला तथा गुटखा

धूम्रपान तथा शराब हमारी आंतों  को नुकसान पहुंचाते हैं।  यह हमारी आंतों  से पानी सोखते हैं।  अधिक शराब पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है।  इससे कब्ज और अधिक हो जाता है।  शराब की जगह पानी, जूस, छाछ का अधिक से अधिक सेवन करें। 

धूम्रपान हमारी आंतों तथा खाना पचाने वाले अंगों को नुकसान पहुंचाता है।  धूम्रपान से गुदा में स्थित बवासीर तथा रक्त वाहिनिओं में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है।  इससे मस्सों से खून अधिक रिसता  है। 

हमारी पाचन क्रिया को कमजोर करने के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है।  इस कारण बवासीर ठीक होने में अधिक समय लगता है। 

कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ

कैफ़ीन हमें चाय, चॉकलेट तथा कॉफी से मिलता है बवासीर में इन पदार्थों का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है।  इससे कब्ज के लक्षण और अधिक बढ़ जाते हैं। 

अतः कैफीन युक्त खानों  तथा पेय का सेवन ना करें। 

बेकरी में बने खाद्य पदार्थ

बवासीर में बेकरी में बनने तथा पकने  वाले खाद्य पदार्थों का पूरी तरह परहेज करें।  यह बवासीर में नुकसान पहुंचाते हैं।  अधिकतर बेकरी उत्पादन रिफाइंड तेल से बने होते हैं जैसे:- ब्रेड, केक, पेस्ट्री, पैटीस, बंद आदि। 

यह सभी पदार्थ कब्ज को बढ़ाते हैं अतः इनका सेवन ना करें। 

डिब्बाबंद खाना जंक फूड्स

बवासीर में प्रोसैस्ड फूड, डीप फ्राइड फूड, ज्यादा तला हुआ खाना, जंक फूड्स, चिप्स, फ्रोजन मील, फास्ट फूड काफी नुकसान करते हैं।  यह अत्यधिक नमक, चीनी एवं खराब चिकनाई से भरे होते हैं।  यह हमारे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं।  हमें कब्ज एवं अपच  बन जाता है। 

डेरी पदार्थ

दूध तथा दूध से बने उत्पाद हमारे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं।  इनसे गैस अधिक बनती है, पेट में ऐठन होती है तथा कब्ज बन जाता है। 

अतः दूध पनीर चीज का परहेज करें। 

छाछ हमारे शरीर को फायदा पहुंचाती है अतः छाछ में काला नमक, भुना जीरा डालकर हम ले सकते हैं।  

रिफाइंड ग्रेन्स 

ये मुख्यतयः  इन खाद्य पदार्थों से हमें मिलता है- सफेद चावल, सफेद ब्रेड, कुकी, केक, मैदा तथा मैदा से बने खाद्य पदार्थ। 

इनमें चोकर अथवा रेशा ना के बराबर होता है।  इनको खाने से कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। 

कच्चे फल

कच्चे फलों से हमें कब्जियत हो सकती है।  इसके कुछ पदार्थ हमारी हाथों को इरिटेट भी करते हैं जैसे कच्चा केला आदि। 

ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थ

उन पदार्थों से परहेज करें जिन में नमक की मात्रा अधिक होती है जैसे चिप्स, भुनी मूंगफली, डिब्बाबंद खाने, पास्ता आदि। 

आयरन युक्त दवाइयां

जिन दवाइयों का प्रयोग खून बढ़ाने के लिए किया जाता है उनसे भी कुछ लोगों को कब्ज हो जाता है।  अतः कब्ज होने पर अपने चिकित्सक से तुरंत सलाह लें। 

रेशे की अधिकता

कभी-कभी हम रेशे का अत्यधिक प्रयोग प्रारंभ कर देते हैं।  अत्यधिक रेशा  भी कुछ लोगों को माफिक  नहीं आता है तथा पेट की परेशानी को बढ़ा देता है।  इसका प्रयोग एक चिकित्सक की देखभाल में ही करें। 

उपरोक्त भोज्य  पदार्थों का परहेज कर न  आप बवासीर से दूर रहते हैं बल्कि आपका शरीर भी अधिक स्वस्थ बना रहता है।  

अगर आप मुझसे कुछ पूछना चाहे तो 9837144287 पर व्हाट्सएप करें।  मेरे बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें

डॉ पुनीत अग्रवाल MS 

प्रॉक्टोलॉजिस्ट 

गुदा रोग विशेषज्ञ 


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